शरीर में बल कैसे बढाए
पुराने जमाने के लोग बहुत ताकतवर हुआ करते  थे. महाराणा प्रताप और शिवाजी क्या  जिम जाया  करते थे ?आप जरा सोचिए की एक 16 साल का लड़का युद्ध में एक गढ़  जीत लेता  है. मैं बात कर रहा हूं शिवाजी महाराज के बरे  में, उन्होंने 16 साल की उम्र में एक किला  जीत लिया था. आज की तारीख में 16 साल के लड़के को आप देख लीजिए वो क्या कर सकता है? महाराणा प्रताप ने  अपने तलवार की एक वार से दुश्मन और उसके घोड़े को काट दिया था. आप इसी से अंदाज़ लगा लीजिए की महाराणा  प्रताप के बाजू में कितनी ताकत थी. दोस्तों यह तो हम जानते हैं, खाने-पीने में बहुत फर्क आ  गया है. पुराने  जमाने के लोगों को यह भी नहीं पता था कौन सा पौष्टिक  खाने से मुझे प्रोटीन मिलेगा कौन सा  पौष्टिक  खाने से  मुझे वसा मिलेगा ,उस के बावजूद भी वह योद्धा इतने ताकतवर होते थे और आज हमें सब चीज का पता होते हुए  भी आज हम वही चीज खाते  हैं, फिर भी उन योद्धाओं के 10% ताकत भी हमारे अंदर नहीं रही. आखिर गलती कहां  हो रही है, हमें उस पर ध्यान देना होगा। दोस्तों आज की इस  कहानी के अंदर हम  इस गलती के बरे बात करेंगे और पुराने जमाने की जैसे  ताकत बढ़ाई जाति थी, जिस को योद्धा लोग अपनाया करते थे. वही विधि मैं आपको बताने  वाला हूं और एक बहुत बड़ा करण है की पुराने जमाने के लोग ताकतवर क्यों होते थे? और आज के युवा इतने ताकतवर  क्यों नहीं है? अब बहुत लोग  कहेंगे की खाने-पीने का फर्क है, लेकिन नहीं खाने पीने का फर्क नहीं है. उसके  बावजूद भी हम ताकत में उनके बराबर नहीं है, उनका एक बहुत बड़ा कारण है. वह कारण भी आप इस कहानी के  अंदर जान पाओगे। तो चलिए शुरू करते हैं। 
पुराने समय की बात है- यह गांव में एक लड़का रहा करता था ,जो बहुत  ताकतवर था. आसपास के बहुत सारे युवा जब उस से लड़ने आते थे तो वह लड़का हर किसी को पटखनी दे देता था.  उस के शरीर में बहुत ताकत थी. एक बार वह गांव के बाहर खड़ा था और अपने दोस्तों से बात कर रहा था, तभी पास  से राजा का हाथी निकलता है. तभी वह लड़के कहते हैं की यदि तेरे अंदर इतनी ही ताकत है तो इस को रोक के  बता दे. तभी वो लड़का इस  बात का ज़िद करते हुए हाथी  की पूछ पकड़ता है और वह इतनी ताकत लगाता है की वो हाथी  हिल भी नहीं पता है. यह देखकर आस पास के लोग भौंचके रह  जाते हैं  की किसी इंसान के अंदर इतनी ताकत कैसे  हो शक्ति है, क्योंकि हाथी का शरीर तो हम सबको पता है की बहुत ज्यादा भारी होता है और हाथी सब से ज्यादा  ताकतवर जानवर भी है और एक इंसान हाथी को रोक दे इस बात पे तो विश्वास भी नहीं किया जा सकता। लेकिन उस लड़के ने उस हाथी की पुछ इतनी मजबूती से पकड़ी की वो  वहीं पर अटक गया. यह देख राजा भी सोच में  पड गया, भला एक आदमी इतना मजबूत कैसे हो सकता है? उसके बाद राजा अपने महल में जाता है और उस लड़के को अपने  घर पर बुलाता  है. राजा जाना चाहता था की ऐसा हमारे नगर में कौन है जिस ने हाथी को रोक दिया और वो भी राजा के  हाथी को. उसके बाद वो लड़का राजा के सामने जाता है और राजा कहता है- यदि तेरे में इतनी ताकत है, मेरे राजमहल  में एक बहुत ही मजबूत हाथी  है यदि तुम उस को रोक देते हो, हम तेरी ताकत का लोहा मन लेंगे। उसके बाद एक बहुत  ही मजबूत हाथी को उस लड़के के सामने छोड़ जाता है और राजा कहता अब इसको रोक कर दिखा। वो लड़का अपनी पुरी  मेहनत लगता है और सच में उस हाथी को एक जगह रोक  देता है ,हाथी  एक भी पैर आगे नहीं भर पता है. ये देख कर  राजा हैरान हो जाता है की सच में इस लड़के ने अपने शरीर पर मेहनत की है और कुछ तो उस लड़के में बात  है जो इतनी ताकत है इस में. भला हाथी को रोकना, ये कोई सामान्य मनुष्य के बस की बात नहीं है. उस के बाद  राजा कहता है तुम ने हमारे हाथी को नगर में चलते हुए वहीं पर रोक दिया था इसलिए हम तुम को एक सजा देंगे।  सजा के तोर पर तुझे यह करना है की- हमारे गांव के बाहर में एक मंदिर है उस में तूने रोज जाकर एक दिया जलाना  है और यदि जीस  दिन तुम दिया करना भूल गए और दिया नहीं जला पाए , उस दिन तुझे जेल  में डाल दिया जाएगा।  यह तेरी सजा है, 1 साल तक तुम्हें वहा  दिया जलाना  है.
अब वो लड़का रोज यही सोचता रहता , यदि मैं दिया जलाने नहीं गया और किसी दिन भूल गए तो राजा मुझे कैद खाने में डाल देगा। अब वो लड़का रोज जाता और वहां पर दिया  करता। उस का खान-पान भी वही था, मेहनत भी वही कर रहा था, और  रोज दिया करने के लिए उस को एक और मेहनत मिल गई  थी. अब एक साल गुजरने  के बाद राजा उस को वापस अपने महल में बुलता  है और कहता है अब तू मुझे उस हाथी को  रोक के दिखा। जब वो लड़का उस हाथी के पास जाता है और उस को रोकने की कोशिश करता है तो उस से हाथी नहीं  रुकता, ये देख कर सब लोग हैरान हो जाते हैं. वो लड़का भी हैरान हो जाता है की भला ये क्या हुआ, एक  साल पहले  मैंने इस हाथी को रोक दिया और उसके बाद तो मैंने और मेहनत की है, मेरे में तो ताकत और होंनी चाहिए ,वहीं पर  मेरी ताकत कम कैसे हो गई? यह सोच कर वो राजा के पास जाता है और कहता है महाराज मुझे माफ कर दीजिए, मैं  वो नहीं कर पाया जो आप का रहे थे. राजा कहता है की- मुझे पता है और मैंने तुझे जान बूझ कर एक साल बाद वापस  उस हाथी को रोकने के लिए कहा. जब तू पहले बार मेरे पास आया और हाथी को रोका  था तब मैंने तुम्हें देख  लिया था की तुम किस  वजह से इतने ताकतवर हो इसलिए मैं तेरी परीक्षा लेना चाहता था. 
राजा यह परीक्षा  लेना चाहता था- यदि किसी आदमी को तनाव दे दी जाए तो उसके साथ क्या होता है और राजा को इस का जवाब भी  मिल गया. क्योंकि उस लड़के को पहले कोई टेंशन नहीं थी, इसीलिए वो इतना ताकतवर था की उस ने हाथी को रोक  दिया। लेकिन राजा ने उस को सजा सुनाया  की वो एक साल तक मंदिर में दिया जलायेगा  और जीस  दिन दिया जलाना  भूल गया, उस दिन उस को कैद खाने में डाल  दिया जाएगा। अब उस लड़के को इस चीज का तनाव हो गया  और तनाव तनाव में उस की  ताकत भी चली गई. रोज वही खाना खा  रहा था। उस की आहार वही थी जो पुरानी थी लेकिन फिर भी अब उस में वो ताकत  नहीं रही, जो उस के बिना तनाव वाले शरीर में थी . अब उस को  तनाव शुरू हो गई इसीलिए उस के शरीर  से ताकत चली गई. 
दोस्तों हमारे जीवन में बहुत सारी परेशानियां आती  है, ऐसी बात नहीं है की इस दुनिया  में कोई  बिना तनाव का आदमी हो और तनाव ही आदमी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचती है. मानसिक रूप से  भी और  शारीरिक तौर  पर भी उस का शरीर भी कमजोर हो जाता है और उस का दिमाग पर भी असर पड़ता है. वह लड़का जब तनाव मुक्त था तो उस में इतनी ताकत थी और जब उस को तनाव आ गया , उस का शरीर मजबूत होने के बावजूद भी वो नहीं कर  पाया जो बिना तनाव का शरीर कर रहा था.
 इस से पता चलाता  है की तनाव हमारे शरीर को कितना  नुकसान पहुंचती है क्योंकि तनाव  हर आदमी को है. परेशानियां हर किसी की जिंदगी में आती  है, लेकिन जरा  सोच कर देखिए- क्या हमारे टेंशन लेने से कोई परेशानी ठीक हो सकती  है? क्या वो परेशानी हमारे जीवन  से जा सकती  है? जरा सोचिए आप- जब हम किसी परेशानी का  तनाव लेते हैं, बहुत ज्यादा तनाव  लेते हैं ,कोई  कोई आदमी तो बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं और आत्महत्या तक कर लेते हैं. क्यों करते हैं? बस उस के  जीवन में कोई परेशानी आ गई लेकिन जरा सोच कर देखिए, आप अभी जिस  किसी परेशानी की वजह से तनाव में हो, आप  बहुत दुखी हो रहे हो, लेकिन इस परेशानी को थोड़े दिन में आप भूल जाओगे।  अब जरा सोचिए की आप अपने जीवन  में कितनी बार दुखी हुए,  कितनी बार आप के  जीवन में परेशानी आई, लेकिन क्या आप को हर कोई परेशानी याद है?  नहीं होगी ,तो फिर हम इतना  तनाव क्यों लेते हैं? कैसी भी परेशानी हो थोड़े दिन में वो परेशानी पूरा खत्म  हो जाति है. वह परेशानी हमें याद ही नहीं रहती। हम चिंता कर के अपने शरीर को इतना क्यों नुकसान पहुंचते  हैं? और यह बात शत-प्रतिशत सही है की पुराने जमाने के लोग तनाव नहीं पालते थे. उन के जीवन में जब परेशानी आती  थी तो वो तनाव  नहीं लेते ब्लकि  उस को हल  कर ने के लिए काम करते  थे। परेशानी आई तो उस को लेकर बैठ नहीं  जाते क्योंकि उन को पता था की चिंता करने से कुछ नहीं होगा ,क्योंकि चिंता हमारे शरीर को चिता बना देगी,लेकिन परेशानी हमारी जीवन से नहीं जाएगी। परेशानी तो तभी जाएगी जब हम परेशानी पर काम करेंगे। हमें अपनी  परेशानियां को इतना गंभीरता से लेने की जरूर नहीं है. आने वाले दिनों  में उन  परेशानियां को हम भूल जाएंगे ,हमें वो परेशानी याद करने पर भी याद नहीं आएगी। तो फिर इस परेशानी का तनाव  लेकर हम अपने वर्तमान को  क्यों खराब करते हैं? भले ही आदमी अपना खान-पान कैसा भी रखे, कितना भी अच्छा, कितना भी पोस्टिक आहार खा ले  यदि उस  को तनाव  है तो उस के शरीर को वो खान-पान नहीं लगेगा। वह कुछ भी खा  ले 1% भी वो खाना उस को फायदा  नहीं पहुंचाएगा और  एक वहीं पर किसी आदमी को बिना पोस्टिंग आहार खिलाएं और उस को बिना तनाव  के  छोड़  दीजिए, उस के शरीर में वह भी खाना लग जाएगा और उस से भी उसके शरीर में ताकत आ  जाएगी। तनाव  हमारे  शरीर को  बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचती है. लेकिन अब सवाल उठाता है- इस तनाव को खत्म कैसे किया जाए? ऐसा तो कभी नहीं  हो सकता ना की हमारे जिंदगी में जब परेशानी आएगी तो हम को तनाव नहीं होगा, तनाव  तो जबरदस्ती हमारे अंदर  घुस जाएगी। लेकिन दोस्तों उस का भी तरीका होता है, उस तनाव को भी हम अपने अंदर आने से रोक सकते हैं. सब से  पहले आप अपने मन  को मजबूत कर दीजिए, मन  में यह बात डाल दीजिए की जो आपके साथ हो रहा है वो हो कर रहेगा। आप  कुछ भी कर लो आप, उस में बदलाव नहीं कर सकते। आप अपनी परेशानियां को बिल्कुल  मुक्त छोड़ दीजिए, वह अपने  आप हल  होते जाएगी, उस के बारे  में ज्यादा सोचिए ही मत. आज मैं आप को मन  को मजबूत करने के लिए कुछ सलाह बता रहा हूं, जो पुरी जिंदगी आप का साथ निभाएगी और इस को अपना लेते हो तो आप को कभी भी तनाव नहीं आएगा । तनाव  नहीं लेंगे तो हमारे शरीर में खाई हुई हर चीज हमारे शरीर को लगेगी और वह गुणकारी होगी और हमारे  शरीर में बल बढ़ेगा।
1. सबसे पहले "आप उदास रहना छोड़ दें"- हम सब को जीवन में कई  प्रकार की मुश्किलों का  सामना करना पड़ता है, जिस में हमें ठेस  भी पहुंचती है,लेकिन तब भी इन सभी चीजों को भूल कर खुश रहने की  कोशिश करें। मानसिक रूप से मजबूत बनना  है तो अपने अंदर नई  सकारात्मक आदतें  लाए , नकारात्मक विचारों को  आप अपने जीवन से जितना ज्यादा निकलोगे उतना ही आप सफलता की और बढ़ते चले जाओगे। मानसिक रूप से मजबूत  बनना  है तो कभी-कभी दूसरों की नजरों में बुरा  भी बनना पड़ता है. अपनी गलतियां से सीखना पड़ता है. जो व्यक्ति एक गलती को बार-बार करेगा वह कभी भी जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। आप जब सुबह  उठते हो इस से आप सकारात्मक रहना शुरू कर दीजिए।सकारात्मक विचार लाना शुरू कर दीजिए, आप यह सोचिए की  मैं सकारात्मक रहूंगा, तभी मेरा शरीर बनेगा, तभी मैं मजबूत बन पाऊंगा। आप उस को एक व्यायाम की तरह ले  लीजिए, जैसे की हम सुबह उठ कर कोई कसरत करते हैं, तो जो आप के सकारात्मक विचार आ  रहे हैं उस को आप यही समझ  लीजिए की मैं व्यायाम ही कर रहा हूं. अपने शरीर को सकारात्मक ऊर्जा दे कर मैं व्यायाम कर रहा हूं ,मैं  सकारात्मक सोच कर अपने शरीर को  ऊर्जा दे रहा हूं.क्योंकि यदि आप नकारात्मक सोचते हैं तो आप कुछ भी  कर  लीजिए आप के शरीर को खाना नहीं लगे ब्लकि  वो आपके शरीर को नुकसान पहुंचाएगा। तनाव  में आप का शरीर बनेगा ही  नहीं। तनाव  बहुत बड़ा श्राप है. इंसान को  अपने लक्ष्य के बरे  में हमेशा सोचते रहना चाहिए।  आप जो पाना  चाहते  हैं, उस को सोचते रहिए, ऐसे सोचिए की वो मुझे मिल चुका है. यदि मुझे सफलता मिल जाति है तो उसके बाद में क्या  करूंगा। आप अपने दिमाग के अंदर इस चीज को घूमते रहने दीजिये। वह सकारात्मक बातें घूमते रहने दीजिये। यदि मैं सफल नहीं  हुआ तो मेरे साथ क्या होगा वो तो नकारात्मक विचार हो जाएंगे। आप को सकारात्मक सोचना है और अपने जीवन में  कैसे भी हालात हो. भले आप आज बहुत ही मुश्किल हालातो से गुजर  रहे हो लेकिन याद रखना मुश्किलों के बाद  ही सफलता मिलती है और जो  सफलता को आप पाना  चाहते हैं यदि उस में मुश्किलें आ  रही है तो आप सही रास्ते पर हो इसी  पर चलते जाइए। क्योंकि बिना मेहनत की मिली हुई सफलता की कोई कीमत नहीं होती, आप उस की कीमत नहीं जान  पाएंगे। जितनी मेहनत कर के आप सफलता पाएंगे ,आप उतनी ही उस का कदर करोगे क्योंकि सफल होना आसन है, सफल बन कर  रहना बहुत मुश्किल है. कहते है ना की पैसा कामना आसन है, हजारों तरीके हैं पैसा कमाने के, लेकिन पैसे को  संभल के रखना बहुत मुश्किल है. हर कोई इस को संभल के नहीं रख सकता। अपनी ऊर्जा को इस पर बेकार में  खर्च मत कीजिए। फालतू की कामों  पर अपने ऊर्जा को खर्च मत कीजिए। जहां पर आप का कोई मतलब नहीं अपनी ऊर्जा को अपने ही ऊपर खर्च कीजिए, जहां पर आप का खुद का काम हो रहा हो, फालतू का किसी के लिए अच्छा बनने की जरूर  नहीं है. आप अपने लिए अच्छे हो इतना  ही काफी है। आप दूसरे लोगों को खुश करने के चक्कर में आप खुद  बर्बादी की तरफ जाओगे। इसलिए अपने ऊर्जा को फालतू की बातों पर खर्च ना करें, अपने शरीर पर करें ताकि वह  आप का जीवन लंबा करेगी और अपनी पुरानी बातों  को कभी याद मत करना ,यदि आप के जीवन में कभी कोई बुरी बात हुई हो  तो उस को भूल जाइए उसको कभी याद मत करना और लेकिन यदि कोई अच्छी बात हुई हो तो उस को याद करोगे तो उस के साथ  बुरी बातें भी याद आएगी। इसीलिए आप अपने अतीत को याद ही मत कीजिए। भूल जाइए उस को वो कोई सपना था और गुर्जर  गया. आप अपने वर्तमान पर ध्यान दीजिए, आप अपने भविष्य में क्या करना चाहते हो उस पर ध्यान दीजिए। फालतू में  अतीत की जिंदगी को याद करके, आप अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही खराब करोगे क्योंकि वो समय ना तो  वापस आने वाला है, ना आप से की हुई  कोई गलती ठीक होने वाली है. लेकिन ध्यान रखें की इस गलती से सिख कर आप  अपने भविष्य पर ध्यान दें और अपने वर्तमान को अच्छा बनाएं।
2."कभी-कभी अपने जीवन में अकेले रहिए"- अकेले  रह कर खुद को संभालने की कोशिश कीजिए। खुद को समझने  की कोशिश कीजिए की मैं क्या कर रहा हूं, मैं कहां हूं  और मैं कौन हूं। अपने आप पर ध्यान दीजिए हो सकता है आपके बहुत सारे दोस्तों, बहुत सारे रिश्तेदार जिन के  साथ आप अपना पूरा दिन बीता रहे हो तो , दिन में थोड़ा सा समय निकालकर आप अपने आप को जान की कोशिश  कीजिए, ध्यान कीजिए और शांत होकर बैठ जाइए। बिना बोले और अपने आप को जान ने  की कोशिश कीजिए,  आप अपने अंदर झांक कर देखिये की मैं कौन हूं और मैं क्या कर सकता हूं और अपनी कामयाबी के बरे  में सोचे  की मुझे  क्या करना चाहिए और जब आप  अपने कामयाबी के बरे  में सोचोगे तो आप को नए-नए रास्ते मिलते जाएंगे ,उन्ही  रास्तों को सोचे  की कैसे मुझे उन रास्तों को पार करना है। आप अपने खुद पर ध्यान दोगे तो आप खुद अपने मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से मजबूत होंगे।
3. " कभी भी ज्यादा शौक मत पालना"- यदि आप अपने  ज्यादा शौक पलते  हो, किसी चीज का ज्यादा शौक करते हो तो वह भी आप को चिंता देगी, तनाव  देगी। हो  सकता है की आप शौक में कोई बड़ी चीज लेना चाहते हो और वह आप को नहीं मिल रही तो आप जब किसी दूसरे के पास  वो चीज देखोगे तो आप को उस की के बारे  में तनाव  होगी,उन के बरे  में ख्याल आएंगे की काश  यह  चीज मेरे पास होती, मैं यह करता  और इसी के चलते आप के शरीर में तनाव  बढ़ेगी, तो कभी  भी ज्यादा शौक मत पालना। शौक पालने वाले और  ना पालने वाले दोनों बराबर ही दिखते हैं, उन  में कुछ ज्यादा  फर्क नहीं होता है. 
5. "प्राणायाम करें"- बहुत सारे प्राणायाम होते हैं, जो हमारे शरीर को मजबूत बनाते  हैं. आप ऐसे वीडियो खोज सकते हैं । ध्यान करें,  योग करें और यदि आप जिम जाते हैं तो कभी भी कोई ऐसा शॉर्टकट ना अपना जिसे आप की बॉडी फुल जाए, फुलने वाली  बॉडी काम की नहीं होती। यदि आप जिम छोड़ दोगे  तो थोड़े दिन में शरीर अपने आकार में वापस आ जाएगी, इसलिए शॉर्टकट ना अपनाए।  जैसा आप का शरीर है वो बहुत बढ़िया है. तो जिम जा कर बड़ा शरीर बनाने से कोई मजबूत नहीं बन जाता। मजबूती  मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से होनी चाहिए, बल और बुद्धि दोनों होनी चाहिए। इन दोनों में से एक चीज आप की कमज़ोर है तो आप कोई काम के नहीं हो. इस को आप ठीक कीजिए और पुराने लोग क्या खाता थे ऐसे वीडियो खोज सकते हो,  गूगल पर सर्च कर सकते हो आपको मिल जाएंगे बहुत सारी चीज जो आप को बताएंगे की क्या खाना चाहिए। 
6. "चिंता  कभी ना पाले, उदास कभी ना हो"- परेशानियां हर किसी की जिंदगी में आती  है, भले उस के पास कितना भी पैसा हो,  वो भी हजारों परेशानियां से गुजर  चुका है और एक गरीब है वह भी हजारों परेशानियां से गुजर  चुका  है, बस फर्क इतना है  की बड़े  लोग अपनी शौक पालते  हैं और गरीब आदमी शौक नहीं पलता।  बस  इतना ही फर्क है और कोई फर्क नहीं है.