Wednesday, 31 May 2023

मन को वश में कैसे करें-How to Control your mind

 
मन को वश में कैसे करें- | How to Control your mind

 जीवन में शांति से जीने के दो ही तरीके हैं  माफ कर दो उन्हें जिन्हें तुम भूल नहीं सकते और भूल  जाऊं उन्हें जिन्हें तो माफ नहीं कर सकते। और यह माफ  करने का अर्थ सिर्फ दूसरों को नहीं खुद की गलतियां  को भी माफ करना होता है.



 यह तो सच है की पैसों से  बहुत कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन संतोष और मन की शांति को पैसों से खरीदा नहीं जा सकता। यह ऐसी  चीज है जो हमें अपने अंदर ही विकसित और धरण करनी  होती है. आज दुनिया में ऐसे लोगों की कमी नहीं है  जिनके पास अताह संपति है पर फिर भी वे लोग खुद को  कंगाल समझते हैं ,क्योंकि उनके पास
मन  की शांति  नहीं है। शांति की शुरुआत मन की मुस्कुराहट के साथ  होती है. सुख शांति प्राप्त करने का सबसे अच्छा  मार्ग मन को शांत करना होता है मन के शांति  मन से शुरू होती है और मन पर खत्म हो जाति है .
 
अगर आपकी लाइफ में शांति है आप संसार के सबसे सुखी  व्यक्ति हैं। आप अपने पिछले समय को पलट कर देखिए ,जब  आपके पास साइकिल थी तो आप स्कूटर या मोटरसाइकिल पाने  की कल्पना करते थे ,लगता था मोटरसाइकिल मिल जाए  तो अच्छा रहेगा शांति मिल जाएगी। फिर मोटरसाइकिल  भी मिल गई पर कामना का खेल देखिए उसकी इक्षा कार  तक आ गई फिर आपने एक छोटी कार खरीदी कामना की आग फिर भी शांत नहीं हो पाई। अब नए मॉडल की बड़े कार के  कल्पना करते हो, यह शायद इसके बाद मन शांत हो जाएगा।

परन्तु क्या आप ने मन की अशांत करने वाली चाल को समझा है , जो आपको लगातार विचलित करती है और कभी शांत  नहीं होने देती। इसी चल को समझने की जरूरत है। इसका अर्थ यह नहीं है की आप कामाना छोड़ दें, आप  अपने दुनिया की भौतिक सुख के लिए जो मेहनत करते  हो वह तो आपको करनी होगी, लेकिन हमें हमारे  मन की चल को समझना होगा, हमें शांति को बाहर  नहीं बल्कि अपने अंदर ढूंढनी होगी। यह कहानी  आपके मनको पुरी तरह शांत कर देगी  और आपको असली शांति का मतलब समझायेगी।

बहुत पुरानी बात है एक राज्य का राजा जिसे पेंटिंग  से बहुत प्यार था. एक बार उसने घोषणा की जो कोई भी  उसे एक ऐसी पेंटिंग बना कर देगा जो शांति को दर्शाती  हो, तो वह उसे मुँह मांगा इनाम देगा। अब यह बात पूरे राज्य में  फेल गई. सभी बड़े-बड़े लोग पेंटरों के पास जाकर अच्छी-अच्छी पेंटिंग बनवाने लगे और राजा से इनाम  पाने की चाह में वह पेंटिंग में एक भी गलती नहीं  चाहते थे और वह एक ऐसी पेंटिंग बनाना चाहते थे जो  सच में शांति को दर्शाती हो. फिर एक दिन बड़े-बड़े  पेंटर पेंटिंगों को बनाकर लाते हैं और राजदरबार में  पेस होते हैं। पूरे राज्य के लोग वहीं पर खड़े  थे और यही देखना चाहते थे की कौन सी पेंटिंग  राजा को शांति दर्शाने वाली लगने वाली है। सभी लोग  यही देखना चाहते थे की ऐसी कौन सी पेंटिंग है जो  दुनिया में सबसे ज्यादा शांति प्रदान करती  है और वही हमारे राजा को पसंद आने वाली है।


राजा ने एक-एक करके सभी पेंटिंग देखी। पहले पेंटिंग  में झरना गिर रहा था और एक साफ-सुथरी झील दिखाई देती  

है. उसके पास बहुत ही खूबसूरत फूल थे , पास बैठे पक्षी  और कुछ पक्षी आकाश में उड़ रहे थे. सूर्य पहाड़ों के  बीच से निकाल रहा था. पेंटिंग को देखकर ऐसा लग रहा था  जैसे यह सुबह का समय है. सभी राज्य के लोगों ने जब  इस पेंटिंग को देखा तो सबके मन में यही बात चल रही  थी यही पेंटिंग दुनिया की सबसे ज्यादा शांति प्रदान  करने वाली पेंटिंग है. इसे ज्यादा शांति क्या होगी  जितना खूबसूरत दृश्य एक पेंटर ने अपने पेंटिंग में  दर्शाया है. राजा ने इस पेंटिंग को एक तरफ रखवा दिया  और फिर दूसरी पेंटिंग को देखा।



दूसरी पेंटिंग में  सूर्य सोने की गोले की तरह निकाल रहा है और अपने  चमक से पूरे पहाड़ों को सोने की तरह कर दिया है। वहां पर एक झील है और झील का पानी एकदम से ठहर  हुआ है ,हवा का छोटा झोंका भी पानी को इधर-उधर  नहीं कर पा रहा है। और आसपास में हरियाली और बड़े-बड़े  पहाड़ के बीच से सोने से दिखने वाला सूर्य निकाल  रहा है. लोगों ने जब यह पेंटिंग देखी तो बहुत सारे  लोगों ने यह भी कहा की यही शांति को दर्शाने वाली  पहली पेंटिंग है और शायद हमारे राजा को यही  पेंटिंग पसंद आएगी। राजा ने इस पेंटिंग को भी  एक तरफ रखवा दिया।


तीसरी पेंटिंग में रात का समय  दर्शाया गया जिसके अंदर ऐसा लग रहा है जैसे चंद्रमा  और तारे रात में धरती को निहारने निकले हैं. और  धरती पर एक बहुत ही खूबसूरत और साफ सुथरी झील  है जो ऐसे प्रतीत हो रही है जैसे अपने अंदर आकाश  को समाये बैठी हो और उसके ऊपर एक खूबसूरत लकड़ी का  पुल बना है जो चंद्रमा को देख रहा है. यह पेंटिंग  इतनी खूबसूरत ल ग रही थी. सारे लोगों ने इसे देखकर  खूब तारीफों के पुल बांधे की हमारे राजा को यही पेंटिंग  पसंद आएगी और शायद शांति को दर्शाने वाली दुनिया की  यही पेंटिंग होगी। इसे भी राजा ने दूसरी तरफ रखवा  दिया।


फिर राजा के सामने चौथी पेंटिंग बुलाया गया. चौथी पेंटिंग को देख कर लोगों ने इसे देखना पसंद ही नहीं किया। नगर के लोगो ने कहा भला यह कौन सी शांति को प्रतीत करने वाली पेंटिंग है. इसके  अंदर तो धरती बेजान पड़ी है. रुकी सुखी लकड़ी से  बनी एक झोपड़ी है और आकाश में ऐसा दृश्य दिखे रहा  है जिसे देखकर हर व्यक्ति डर जाएगा। इस पेंटिंग  

में तो बस अशांति ही अशांति है। इसमें भला शांति को  दर्शाने वाले कौन सी चीज है. सभी लोगों ने इस पेंटिंग  को बिल्कुल पसंद नहीं किया। नगर के लोगों ने कहा की  यह सारी दुनिया में सबसे अशांत दिखने वाली पेंटिंग है,और यह पेंटिंग हमारे राजा को बिल्कुल पसंद नहीं आएगी।  फिर राजा ने कहा इसी पेंटिंग को दुनिया की सबसे शांत  पेंटिंग कहा जा सकता है.


यह बात सुनकर नगर के लोग  हैरान रह गए ,लोगों ने सोचा की भला यह कौन सी पेंटिंग  राजा को पसंद आई और भला इसमें क्या ऐसा दिखे गया, जो  पहले तीन पेंटिंग दिखी थी वह तो शांति को सही तरीके  से दर्शाती है, और भला इस पेंटिंग में राजा ने ऐसा  क्या देख लिया। फिर सारे नगर के लोग इक्क्ठे होकर राजा से  यह पूछना चाहते थे की राजा साहब आपको भला इस पेंटिंग  में शांति को दर्शाने वाला किया दृश्य दिखा आप हमें  भी बताइए, क्या हमारी आंखें वह नहीं देख पाती जो आपने  देखा है.


राजा मुस्कुराए और अपने तख्खत पर जाकर बैठ गए।  मेरी सबसे प्रिया यही पेंटिंग है और मैं चाहता था की  कोई पेंटर इसी पेंटिंग को बनाकर लाये जैसा मैंने सोचा  था। पेंटर ने ऐसी ही पेंटिंग बनाई है और मैं इस पेंटर  को मुंह मांगा इनाम दूंगा। उसके बाद नगर के लोगों ने राजा से पूछा ,राजा जी इसमे शांति को दर्शाने वाली क्या चीज है. जो हमारी आँखे नहीं देख पाते  और आप देख रहे हैं हमें भी बताइए


फिर राजा ने कहा  - शायद आप लोग शांति का असली मतलब नहीं समझते, इसीलिए  आपको इस पेंटिंग में शांति नजर नहीं आई। इस पेंटिंग  में आपने यह तो देख लिया की धरती बेजान है और ऊपर  एक भयंकर तूफान आ रहा है, और एक झोपड़ी बनी हुई है।  लेकिन जो पेंटिंग का असली मतलब है आपका ध्यान उस तरफ  नहीं गया ,जरा गौर से देखिए झोपड़ी के अंदर एक आदमी  बैठा है और वो आदमी कितना शांत है, यह आप को उस के चेहरे  को देखकर लग रहा होगा . बाहर में भले ही कितनी भी  अशांति क्यों ना हो ,शांति हमारे अंदर होनी चाहिए और  यही शांति का असली मतलब है. वह आदमी एकदम शांत बैठा  है और वहां देख रहा है ,उसे इन चीजो की कोई फिक्र नहीं  है की बाहर कितनी अशांति है और कितना भयंकर तूफान आ  रहा है. बस उसके चेहरे पर शांति साफ झलक रही है ,उसके  मन में बिल्कुल अशांति नहीं है. और शांति का मतलब यही  होता है. आप लोग इस पेंटिंग को इसीलिए नहीं समझ पाए  क्योंकि आप बाहर में शांति ढूंढते हो और मैं अंदर  की शांति पर विश्वास करता हूं. क्योंकि लोगों के पास  कितने भी पैसा या धन दौलत हो जाए यदि उनका मन शांत  नहीं है तो वो दुनिया के सबसे दुखी व्यक्ति हैं और  यदि आपके मन में शांति है तो आप अगर झोपड़ी में बैठे हो फिर  भी आप दुनिया के सबसे अमीर आदमी हो, क्योंकि हम कमाते  भी इसीलिए हैं की हम हमारे मन को शांत कर सके और  हमारा मन शांत होता है हमारे शौक से. जब हमारा शौक  पूरा होता है तो हमारा मन शांत होता है. लेकिन यह  कुछ देर के लिए ही शांत राहत है. जब हमारा यह शौक खत्म  हो जाता है, उस चीज के प्रति हमारे जो आकर्षण वह  खत्म हो जाता है, तो हम वापस अशांत हो जाते हैं.


क्योंकि  हम बचपन से देखते आए हैं की हमारा मन कैसे अशांत  होता है. जब हम छोटे थे हमारे घर वाले एक ड्रेस भी  दिल लेते तो भी हमारे सात - आठ दिन शांति से गुर्जर  जाते इस ड्रेस का शौक पूरा करते करते, लेकिन एक दिन  उसे ड्रेस का शौक खत्म हो जाता। फिर हम वह कपड़े पहनते  भी नहीं और हमारा मन वापस अशांत हो जाता। जो हमारे  घर वाले हमें बचपन में कोई खिलौना दिलाते तो हम खुश  हो जाते, यह बाहर की शांति थी और लोग जब से जन्म लेते  हैं और जब तक अपनी मृत्यु को प्राप्त होते हैं, वो  हमेशा बाहर के शांति ढूंढते हैं ,कभी भी अपने अंदर  की शांति नहीं ढूंढते। दोस्तों यदि हमें सच में सुख  चाहिए तो हमें हमारे अंदर तक झांकना होगा ,हमारे  अंदर हमें देखना होगा की हमारा मन अशांत क्यों है ,और यदि हम उस अशांत मन को सच में शांत कर देते  हैं तो हम दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन सकते हैं।  साधु संत जो पहाड़ों में जाते हैं तो वह इसी शांति  को ढूंढने जाते हैं ना की भगवान को प्राप्त करने।  भगवान भी प्राप्त तब होते हैं जब हमारा मन शांत  हो जाता है. बाहर चाहे कितनी भी अशांति क्यों ना  हो, हमारे मन शांत होना चाहिए। उम्मीद है दोस्तों  यह कहानी आपको पसंद आई होगी।







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